यहां जानिए हिमाचल की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी , क्या है खास

Govt Electric Vehicle Policy HP:

इस पॉलिसी के तहत हिमाचल राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाया जाएगा। इस पॉलिसी के अनुसार साल 2025 तक कई श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहन राज्य में बनाए जाएंगे। इस पॉलिसी के अनुसार, धर्मशाला, शिमला, मंडी और बद्दी ईवी (EV) मतलब की ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल’ शहर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही पॉलिसी के तहत सभी इलेक्ट्रिक वाहन हिमाचल प्रदेश में ही बनाए जाएंगे।

नई दिल्ली:

बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल के दो बड़े फायदे हैं। पहला तो यह कि इसमें पेट्रोल-डीजल का उपयोग नहीं होता। इससे देश कम कच्चे तेल का आयात करेगा और देश का व्यापार घाटा कम हो जाएगा । दूसरा बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी। यही कारण है कि सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल के उपयोग को प्रोत्साहन दे रही हैं। हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में एक नई दिशा लेकर आया है। हिमाचल प्रदेश की मंत्रिमंडल बैठक में राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी ड्राफ्ट को अप्रूव कर दिया है। नीचे पढिए आपको इस पॉलिसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं

इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉलिसी के बारे में :

इस पॉलिसी के तहत राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाया जाएगा। पॉलिसी के अनुसार साल 2025 तक कई श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहन राज्य में बनाए जाएंगे। इस पॉलिसी के अनुसार, धर्मशाला, शिमला, मंडी और बद्दी ईवी (EV) यानी ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल’ शहर बनाए जाएंगे। साथ ही पॉलिसी के तहत सभी इलेक्ट्रिक वाहन हिमाचल प्रदेश में ही बनाए जाएंगे। इस व्हीकल पॉलिसी के तहत 15 हजार फोर व्हीलर, 50 हजार टू व्हीलर और 500 थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन बनाए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में विशेष इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क स्थापित किए जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स होंगी तैयार:

इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत हिमाचल प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स तैयार की जाएंगी। ये यूनिट्स इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने में काम काम करेगी । सूत्रों के हवाले बताया जा रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी प्रति किलो वाट के हिसाब से तय होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने से राज्य में रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।इस पॉलिसी के तहत नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर 25 किलोमीटर के दायरे में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशंस बनाए जाएंगे और बिजली बोर्ड इनको पावर देगी। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की मंत्रिमंडल बैठक में राज्य सरकार ने ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ ड्राफ्ट को अप्रूव कर दिया है। यह अप्रूवल हिमाचल प्रदेश कैबिनेट द्वारा 30 नवंबर 2021 को दिया गया।

क्या होगी वाहनों की क्षमता :

इंसेंटिव वाहनों में लगने वाली बैटरियों की क्षमता के मुताबिक तीन हजार रुपये प्रति किलो वाट के हिसाब से दिया जाएगा। इन वाहनों से लोगों को पैसों की बचत होगी। इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण में कार्बन प्रिंट या अन्य खतरनाक गैसेज रिलीज नहीं करते हैं। यह इलेक्ट्रिक व्हीकल का एक बहुत बड़ा फायदा है। इलेक्ट्रिक वाहन चलाने में हल्के भी होते हैं, क्योंकि इनमें बहुत ही कम पार्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। इलेक्ट्रिक वाहनों में बहुत ही कम मूविंग पार्ट्स होते हैं, जिससे इन्हें चलाना बहुत आसान होता है।

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