इंदिरा गांधी मातृत्व योजना:
सरकारी योजना इंदिरा गांधी मातृत्व योजना में प्रदान की जाने वाली सहायता राशि पांच चरणों में सरकार द्वारा दी जाती है। इस योजना के नियमों के अनुसार, पहली किस्त 1000 रुपये की होती है। यह महिला को गर्भ अवस्था स्क्रीनिंग और पंजीकरण के बाद दी जाती है। योजना के अंतर्गत दूसरे राज्य की महिला की राशि गर्भ अवस्था की दो जांच के बाद दी जाती है।
सरकारी योजना :
अव राजस्थान सरकार गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों की देख-रेख के लिए एक महत्वपूर्ण योजना चला रही है। राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 103 वीं जयंती पर इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार द्वारा दूसरी संतान पैदा करने वाली गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ये 6000 की आर्थिक सहायता 5 चरणों में प्रदान की जाती है। इस योजना को पहले केवल 4 जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया गया था। लेकिन अब इस योजना को पूरे राज्य में शुरू कर दिया गया है।
इस योजना के यह है मुख्य उद्देश्य :
योजना के अनुसार, योजना से सरकार का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण है। सरकार गर्भवती महिलाओं को पूरा स्वास्थ्य और पोषण देना चाहती है, जिससे महिला एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सके। इंदिरा गांधी मातृत्व योजना में प्रदान की जाने वाली सहायता राशि पांच चरणों में सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। नियमों के अनुसार, पहली किस्त 1000 रुपये की होती है। यह महिला को गर्भ अवस्था स्क्रीनिंग और पंजीकरण के बाद दी जाती है। योजना के अंतर्गत दूसरे राज्य की महिलाओं की राशि गर्भ अवस्था की दो जांच के बाद दी जाएगी। यह राशि भी 1000 रुपए की होगी। गर्भावस्था के दौरान 1,000 रुपये की तीसरी किस्त संस्थागत प्रसव के समय पर प्रदान की जाएगी। चौथी किस्त की बात करें, तो यह किस्त 2,000 रुपये की होगी। यह बच्चे के जन्म के 105 दिन बाद सभी नियमित टीको के दौरान दी जाएगी। इसके बाद आखिरी किस्त दूसरे बच्चे के जन्म के 3 महीने के भीतर परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने पर प्रदान की जाएगी।
पात्रता के नियम और शर्तें
इस इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं का राजस्थान का निवासी होना चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं के पास खुद का बैंक खाता होना आवश्यक है। लाभार्थी महिलाओं को दी जाने वाली राशि उनके बैंक खाते में सीधा ट्रांसफर की जाएगी। योजना में दी जाने वाली वित्तीय राशि गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी। जिन महिलाओं ने 1 नवंबर 2020 के बाद बच्चे को जन्म दिया है और यदि उनका दूसरा बच्चा है, तो भी वे इसका लाभ ले सकती हैं। आधिकारिक पोर्टल पर जाकर योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
इतने दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
किसी भी गर्भवती महिला को इस योजना का लाभार्थी बनाया जाता है। योजना में आवेदन के लिए आपके पास गर्भवती महिला का आधार कार्ड, अन्य आईडी संबंधित दस्तावेज जैसे राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड, बैंक खाते के पासबुक अकाउंट नंबर की फोटो कॉपी, चार पासपोर्ट साइज फोटो और इन सबके अलावा गर्भवती महिला अपनी पीएचसी या सरकारी अस्पताल के स्वास्थ्य कार्ड को दिखा कर भी लाभ ले सकती है।
इस प्रकार से आप योजना का पूरा फायदा ले सकते है |