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भूपेश बघेल ने दी जनता को यह योजना और अब बने कका दुलरवा.. जानिए छत्तीसगढ़ के लोग क्यों कहते हैं ‘भूपेश है तो भरोसा है’?

भूपेश बघल :

सीएम भूपेश बघेल राज्य के छात्र छात्राओं, छोटे स्कूली बच्चे, महिलायें, युवा, वृद्धजन, व्यापारी वर्ग, किसान, शाहकीय कर्मचारी, निजी क्षेत्र के कर्मचारी व सेवक, स्लैम बस्तियों के निवासी, अंत्योदय परिवार, और राज्य के सभी वर्गों के राहत, कल्याण और लाभ के लिए योजनाओं का निर्माण और उन्हें सुचारु रूप से लागू करना सुनिश्चित कर रहे है।

रायपुर, छत्तीसगढ़ :

अपने साढ़े चार सालों के कार्यकाल के बदौलत प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश जनता के बीच बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो चुके है। छत्तीसगढ़ की आम जनता जहाँ उन्हें अपना दुलरवा बताते है तो वही उनके स्नेहपूर्वक कका भी बुलाया जाता है। उनके सभाओ में अक्सर भूपेश है तो भरोसा है के नारे गूंजते रहते है। प्रदेश भर में स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा, रोजगार से लेकर परिवहन, सड़क से लेकर जनकल्याण और राज्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए अल्पकाल में जो कदम छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की तरफ से उठाये गये हैं वह बहुत ही सराहनीय है। इतना ही बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों में आज छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा में है। सरकार की योजनाओं को समझने और जनता को इससे होने वाले फायदों को जानने आज विशेषज्ञ लगातार प्रदेश के दौरे कर रहे है।

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इस बीच पूरी दुनिया ने कोरोना जैसे महामारी का भी सामना किया तब भी अपने कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन से भूपेश बघेल ने त्वरित रूप से जनता तक राहत पहुँचाने के लिए सरकारी तंत्र को निर्देशित किया था । केंद्र सरकार के साथ समन्वय के साथ आगे बढ़ती छत्तीसगढ़ को रोजगार के मामले में जो सफलता हासिल हुई वह ऐतिहासिक रही है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रोजगारोन्मुखी योजनाओं का ही कमाल रहा की प्रदेश भर में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खुले तो दूसरी तरफ उनके कौशल का विकास कर उन्हें स्वरोजगार भी प्रदान किया। आज के इस लेख में हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पांच सबसे महत्वकांक्षी शासकीय योजनाओ के बारे में जानेंगे। ऐसी योजनाएं जो न सिर्फ सफल रही बल्कि सीएम भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व का प्रतिबिम्ब भी बना।

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सुराजी ग्राम योजना : नरवा गरवा घुरुआ बाड़ी

छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नखा, गुरुवा, घुरुवा और बाड़ी का अभियान चलाया जा रहा है। यह सरकार की फ्लैगशिप योजना है जिसने भूपेश सरकार को भारत और भारत के बाहर भी पहचान दिलाई है । इस योजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के सभी राज्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ पशुओं को भी संरक्षण देना है। इस योजना के तहत सड़क पर घूमने वाले पशुओं के लिए गौशालाएँ बनाई जाएँगी और उनके लिए चारे का भी प्रबंध किया जाएगा। इस योजना के तहत नखा (नाला), गरवा (पशु एवं गोठान), घुरवा (उर्वरक) एवं बाड़ी (बगीचा) अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से भूजल रिचार्ज, सिंचाई और ऑर्गेनिक खेती में मद्द, किसानों को दोहरी फसल लेने में आसानी, पशुओं की उचित देखभाल, परम्परागत किचन गॉर्डन एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।

गोधन न्याय योजना

छत्तीसगढ़ के पशुपालकों को लाभ पहुंचो के लिए छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना चलायी जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 जुलाई 2020 को की थी। मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा गाय पालने वाले पशुपालक किसानो से सरकार गाय का गोबर खरीदी करती है। इस योजना के तहत पशुपालक से ख़रीदे गए गोबर का उपयोग सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए करेगी । इस योजना के ज़रिये छत्तीसगढ़ सरकार गायो के लिए भी कार्य कर रही है। यह देश के इतिहास की पहले योजना है जिसमे सीधे किसानो से गोबर की खरीदी की गई है । इसे न सिर्फ किसानो के जीवन में बड़ा सुधार आया बल्कि कृषि के लिए खाद संकट को भी दूर किया गया है । छत्तीसगढ़ में आंकड़ों के मुताबिक गौठानौ से लगभग 6 लाख क्विंटल खाद का उत्पादन होता है। गौठानो के इस महत्पपूर्ण योगदान को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह फैसला किया है कि गौठान को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल सरकार द्वारा किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उनकी आय को बढ़ाने के लिए कृषि से जुडी बहुत सी सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। ऐसी ही एक योजना के माध्यम से किसानों को धान के समर्थन मूल्य अंतर की राशि प्रदान करने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई है। आज राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को धान की उपज का सही मूल्य प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री न्याय योजना को शुरू करने की घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए की गई थी। इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को उनकी धान की फसल का उचित मूल्य प्रदान करवाती है। इसके लिए योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को मक्का, कुट्टी, सोयाबीन, आहार, कुटकी और गणना उत्पादक के लिए 9000 रूपये प्रति एकड़ सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इसके अलावा जिन किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया गया है और धान के बदले मक्का, कुट्टी, सोयाबीन, आहार, कुटकी, पपीते या वृक्षारोपण किया गया है, उन्हें 10000 रूपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी, यह लाभ राज्य के सभी किसानों को प्राप्त हो रहा है।

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पौनी पसारी योजना

छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल सरकार ने पौनी पासारी योजना शुरू की है। राज्य सरकार इस योजना का उपयोग पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के लिए करेगी। शहरी निकायों के बाजारों में जगह उपलब्ध कराने और लाभार्थियों को व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाने से इसे पूरा किया जा सकेगा। पौनी पसरी योजना 2022 लगभग 12,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी। पौनी पसारी योजना से राज्य सरकार लगभग 168 शहरी क्षेत्रों में नागरिकों और युवाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करेगी। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राज्य में पारंपरिक व्यवसाय को बढ़ावा देने और बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए यह लाभकारी योजना शुरू की है। कई श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले लोग योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, यह योजना पुरुषों और महिलाओं दोनों को लाभ प्रदान करती है। इस योजना के तहत महिलाओं को 50% की दर से आरक्षण दिया गया है ताकि वे आसानी से योजना का लाभ उठा सकें। इस लाभकारी योजना की शुरुआत के माध्यम से, छत्तीसगढ़ लगभग 12000 नए लोगों को रोजगार और रुपये का निवेश करने में सक्षम होगा।

छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ

मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभ पहुँचाया बल्कि उनकी धर्मी भावनाओ और आस्था को भी उचित स्थान दिया। वे श्रीराम को अकसर अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ का भांजा बताते है लिहाजा श्रीराम से जुडी हर एक विरासत और पहचान को सुरक्षित रखने के लिए उनकी सरकार इस दिशा में सत् प्रयत्नशील है। इसी के तहत अयोध्या के बाद छत्तीसगढ़ में भी राम वनगमन पथ का काम शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ का भगवान राम से काफी करीब का नाता है। माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थी, वहीं भगवान राम ने भी अपने वनवास के दौरान काफी वक्त छत्तीसगढ़ में गुजारा। आज भी छ्त्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार कई ऐसे स्थान मिल जाएंगे, जिन्हें भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है। रामवनगमन पथ में इन सभी स्थानों को सरकार जोड़ने का प्रयास कर रही है। रामायण के मुताबिक भगवान राम ने वनवास का वक्त दंडकारण्य में बिताया। छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा ही प्राचीन समय का दंडकारण्य माना जाता है। अब उन जगहों को नई सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है, जिन्हें लेकर यह दावा किया जाता है कि वनवास के वक्त भगवान यहीं रहे।

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इसके अतिरिक्त सीएम भूपेश बघेल राज्य के छात्र छात्राओं, छोटे स्कूली बच्चे, महिलायें, युवा, वृद्धजन, व्यापारी वर्ग, किसान, शाहकीय कर्मचारी, निजी क्षेत्र के कर्मचारी व सेवक, स्लैम बस्तियों के निवासी, अंत्योदय परिवार, और राज्य के सभी वर्गों के राहत, कल्याण और लाभ के लिए योजनाओं का निर्माण और उन्हें सुचारु रूप से लागू करना सुनिश्चित कर रहे है। अपने इसी कर्तव्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता, सरोकार और ईमानदारी के बूते भूपेश बघेल राज्य के लोगों के लिए दुलरुआ बन चुके है। उन्हें हर वर्ग से स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है।

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