Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

ऐसी योजना आज से पहले कभी नहीं मिली , ‘स्वस्थ बचपन सुनहरा भविष्य’ की तर्ज पर CM भूपेश बघेल ने बच्चों को दिया नया जीवन

चिरायु योजना :

CM Bhupesh Baghel Scheme Chirayu Yojana नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और मौके पर ही इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

भूपेश बघल CM छतीसगढ़ :

बच्चे का जन्म परिवार में खुशियां लेकर आता है, परंतु कई बार नवजात के जन्म से मां-बाप को खुशी का मौका देने के साथ ही उनके माथे पर चिंता की लकीर भी खींच देता है। जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुए बच्चों के परिजनों को उनके भविष्य की चिंता सताने लगती है। लेकिन भूपेश सरकार ने पूरे प्रदेश के परिवारों और उनके बच्चों की समस्या को छू मंतर कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की चिरायु योजना प्रदेश के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। चिरायु योजना के तहत चिकित्सकों के दल अलग-अलग जिलों में आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पहुंच रहे हैं। जहां नियमित रूप से आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में अध्ययनरत 18 वर्ष तक के सभी बच्चों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और मौके पर ही इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से ऐसे बच्चों और उनके परिवारों की चिंता निःशुल्क जाँच एवं पूर्ण उपचार कर दूर की जा रही है। चिरायु योजना के माध्यम से प्रदेश के बच्चों को विभिन्न बीमारियों से मुक्त कर दिया गया है। इस योजना ने अनेक परिवारों की परेशानी दूर करने के साथ ही पीड़ित बच्चों को नव जीवन दिया है।

इन बच्चों के लिए वरदान साबित हुई चिरायु योजना:

चिरायु योजना के तहत इनमें आँख से कम दिखाई देना, कानों से कम सुनाई देना, विटामिन की कमी, एनीमिया, हृदय रोग जैसी बीमारियों की पहचान कर उनका इलाज किया जाता है। जिन बच्चों का इलाज स्थानीय स्तर पर संभव नहीं हो पाता है उन्हें चिरायु दल बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पताल भेजता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु योजना के माध्यम से प्रदेश के 1 लाख 76 हजार बच्चों का इलाज किया गया है। इसके तहत 18 दिसंबर 2018 से अब तक विभिन्न हृदय रोगों से पीड़ित लगभग 3081, होंठ एवं तालु की विकृति वाले 603, क्लबफुट वाले 670 और जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रस्त 334 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। चिरायु योजना में इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 21 हजार 96 बच्चों का इलाज किया गया है।

यह भी देखें:   इस योजना से गर्भवती महिलाओं को मिलती है 6,000 रुपये की राशि, जानिए यहाँ से पूरी प्रक्रिया

बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रदेश भर में कुल 330 चिरायु दल कार्यरत हैं। ये प्रदेश भर के स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर उनकी शारीरिक कमियों व रोगों की पहचान कर बिल्कुल मुफ़्त में इलाज की व्यवस्था करते हैं।मितानिन व एएनएम के माध्यम से भी इन बच्चों का चिन्हांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्च स्तरीय जांच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है।

चिरायु योजना के कार्यक्रम का उद्देश्य

प्रदेश में वर्ष 2014 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। कार्यक्रम का उद्देश्य शून्य से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों में फोर-डी यानि डिफेक्ट एट बर्थ, डिसीज, डिफिसिएन्सी एंड डेवलपमेन्ट डिलेस इनक्लुडिंग डिसएबिलिटी की जांच कर शीघ्र उपचार उपलब्ध कराना है। इसके तहत बच्चों में 44 प्रकार की बीमारियों की पहचान व जाँच कर उपचार किया जाता है। जरुरत पड़ने पर उच्च संस्थाओं में भी किया जाता है।

चिरायु योजना के अंतर्गत जन्म से छह सप्ताह की आयु के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण डिलीवरी प्वाइंट के स्टॉफ द्वारा, छह सप्ताह से छह वर्ष की आयु के बच्चों का आंगनबाड़ी केन्द्रों में और छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों में चिरायु दलों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।

इन बच्चों को दिया गया नव जीवन

पुत्री कल्याणी साहू
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिरायु योजना से जिले के मरीजों को बड़ी संख्या में लगातार लाभ मिल रहा है। इस कड़ी में विकासखंड बलौदाबाजार अंतर्गत के ग्राम लटुवा के रहने वाले कृषक प्रेम लाल साहू की पुत्री कल्याणी साहू जिसकी उम्र 15 वर्ष है जन्म से ही हृदय में छेद की बीमारी से पीड़ित थी। उनका चिन्हाकन कर सफल ऑपरेशन किया गया है। बीमारी की पुष्टि पश्चात चिरायु के माध्यम से ही नया रायपुर के श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में बच्ची का सफल ऑपरेशन किया गया अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।

यह भी देखें:   सरकार आपकी बेटी को देगी टैक्स फ्री 70 लाख रुपये, जानें कैसे

यशवंत को मिली एक नई पहचान
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले में ग्राम पंचायत बालूद के रहने वाले राजकुमार सेठिया के 5 महीने के बच्चे यशवंत को एक नई पहचान मिली। राजकुमार के बच्चे के जन्म से ही होंठ कटे-फटे थे। जिसका राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत चिरायु दल द्वारा स्क्रीनिंग किया गया बच्चे के माता-पिता को चिरायु योजना एवं बच्चे की निःशुल्क सर्जरी की विस्तार से जानकारी दी गयी।

स्क्रीनिंग के दौरान बच्चे के सफल ऑपरेशन हेतु परिजनों की सहमति से उसे मेडिसाइन हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती कराया गया। जिसके पश्चात विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 14 मार्च को यशवंत की सफल सर्जरी की गई। यशवंत आज पूरी तरीके से स्वस्थ है यशवंत के माता-पिता ने इस सहयोग और बेहतर इलाज के लिए शासन का और स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा है कि चिरायु योजना से मेरे बेटे यशवंत को नई पहचान मिली है।

नन्हा वेद प्रकाश
CM Bhupesh Baghel Scheme Chirayu Yojana : छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 7 चिरायु टीमों के द्वारा लगातार भ्रमण कर आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है, इसमें चिन्हांकित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है। चिरायु टीम को सारंगढ़ तहसील के ग्राम अमझर में 1 वर्ष के बच्चे वेद प्रकाश, जो कि हर्निया से पीड़ित मिला। हर्निया बच्चों में होने वाली सबसे आम सर्जिकल समस्या है। चिरायु टीम सारंगढ़ द्वारा 22 मई 2023 को चिन्हांकन के पश्चात तत्काल डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रायपुर रिफर कर 24 मई 2023 को भर्ती कराया गया।

समस्त प्रकार के जांच के बाद अगले ही दिन ऑपरेशन की प्रक्रिया पूर्ण की गई। बच्चा अभी बिलकुल स्वस्थ है। 2 दिनों तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। यदि यहीं ऑपरेशन, निजी खर्च में होता तो लाख से अधिक रुपए खर्च हो जाते, लेकिन आयुष्मान भारत के तहत चिरायु योजना से यह पूर्णतः निःशुल्क ऑपरेशन हुआ है। बच्चे का हीमोग्लोबिन स्तर 9 ग्राम था अतः ऑपरेशन के पहले 300 मि.ली. रक्त भी उपलब्ध कराया गया।

यह भी देखें:   भूपेश बघेल ने दी जनता को यह योजना और अब बने कका दुलरवा.. जानिए छत्तीसगढ़ के लोग क्यों कहते हैं ‘भूपेश है तो भरोसा है’?

Leave a Comment

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now