यह थी भारत की पहली महिला डॉक्टर :
यहाँ से जानिए कौन थी भारत की पहली महिला डॉक्टर | जो 1883ई. में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए कोलकाता से पानी के जहाज से ही अमेरिका जाने के लिए रवाना हो गई |
मेडिकल कोर्स के लिए पहले कौनसी परीक्षा पास करनी होती है
आप जानते होंगे की मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारत में NEET एग्जाम क्लियर करना पड़ता है|फिर भी कुछ मेडिकल कोर्स ऐसे भी हैं जिनमें नीट परीक्षा पास किए बना भी प्रवेश हो जाता है| लेकिन विदेश से पढ़ाई करने के लिए नीटपरीक्षा पास करने की जरूरत नहीं होती है| आज हम आपको भारत की पहली महिला डॉक्टर के बारे बता रहे हैं. जो कि 1883 में मेडिकल कोर्स की पढ़ाई करने के लिए कलकत्ता से पानी के जहाज से अमेरिका केवल मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए प्रस्थान किया था | उन्होंने पेंसिल्वेनिया के महिला विश्वविद्यालय में अपना एनरॉलमेंट कराया.
सवाल: विश्व स्वस्थ दिवस कब मनाया जाता है?
जवाब: आपको बता दे की पूरे विश्व में विश्व स्वस्थ दिवस 07 अप्रैल को मनाया जाता है|
सवाल: किसकी वजह से शुरू हुआ Doctor’s Day?
जवाब: आपने देखा होगा की 01 जुलाई को Doctor’s Day के रूप में मनाया जाता है. क्योंकि देश के महान डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना जिले के खजांची गाँव में हुआ था. 01 को देश के महान डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय की पुण्यतिथि भी होती है. इस दिन को उनकी याद के तौर पर डॉक्टर दिवस या जाता है.
सवाल: कौन थीं भारत की पहली महिला डॉक्टर?
जवाब: भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी थीं|उनका जन्म 31 मार्च 1865 में हुआ था. वह पुणे में जन्मी भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं.
सवाल: भारत की पहली महिला डॉक्टर का विवाह कब और किसके साथ हुआ ?
जवाब: आनंदीबाई जोशी जब मात्र 9 वर्ष उम्र थी नका विवाह उनसे 20 साल बड़े गोपालराव से किया गया था. वह 14 साल की कम उम्र ही मां बन गई थीं, लेकिन जन्म के सिर्फ 10 दिन बाद ही उनके बच्चे की मृत्यु हो गई
सवाल: नाम के आगे डॉ लिखने लिए किस डिग्री का होना आवश्यक है ?
जवाब: जैसे पीएचडी करने के बाद नाम के आगे डॉक्टर लिखने की पात्रता है, वैसे ही चिकित्सीय शिक्षा में एमडी की डिग्री के बाद ही व्यक्ति नाम के आगे डॉक्टर लिख सकता है.